Geometry

चेहरे की सममिति की जांच

सममिति

बिन्दु की स्थिति

पाइथागोरस प्रमेय

कोण तथा कोणों के प्रकार

कोण, अंश और कोणों को मापना

सर्वांगसमता

पाइथागोरस प्रमेय (3D)

पाइथागोरस प्रमेय

यदि दो आसन्न कोणों का योग 1800 हो तो उनकी बाह्य भुजाएँ एक सरल रेखा में होती हैं।

यदि एक रेखा पर एक किरण खड़ी है तो इस प्रकार बने दो आसन्न कोणों का योग 1800 या दो समकोण होता है|

किसी बाह्य बिन्दु से किसी रेखा पर खींचे गए सभी रेखा खण्डो मे से लम्ब सबसे छोटा होता है|

कार्तीय निर्देशांकों की पहचान

दो त्रिभुज एक ही आधार तथा एक ही समांतर रेखाओं के युग्म के बीच में स्थित होँ तो वे क्षेत्रफल में समान होते हैं।

किसी बहुभुज के बाह्य कोणों का योग 3600 होता हैं।

यूक्लिड की पाँचवी अभिधारणा

किसी त्रिभुज की किन्ही दो भुजाओं के मापों का योग तीसरी भुजा के माप से अधिक होता हैं।

यदि दो रेखाएँ परस्पर एक बिन्दु पर प्रतिच्छेद करें तो इस प्रकार बने हुए शीर्षाभिमुख कोण परस्पर समान होते हैं।

यदि दो समांतर रेखाओं को एक तिर्यक रेखा काटती है तो इस प्रकार बने संगत कोण बराबर होते हैं।

यदि एक त्रिभुज की तीनों भुजाएँ एक अन्य त्रिभुज की तीनों भुजाओं के बराबर हों, तो दोनों त्रिभुज सर्वांगसम होते हैं।

बिन्दुपथ प्रमेय का विलोम

किसी वृत्त में केन्द्र से किसी जीवा पर डाला गया लम्ब जीवा को समद्विभाजित करता हैं।

मध्य बिन्दु प्रमेय

समांतर चतुर्भुज के विकर्ण परस्पर समद्विभाजित करते हैं।

वृत्त के किसी बिन्दु पर स्पर्श रेखा स्पर्श बिन्दु से जाने वाली त्रिज्या पर लंब होती हैं।

अंतः खंड प्रमेय

एक समांतर चतुर्भुज में सम्मुख भुजाएँ बराबर होती हैं।

किसी बिन्दु का बिन्दुपथ जो हमेशा दो स्थिर बिन्दुओं से समान दूरी पर हो तो उन दो बिन्दुओं को मिलाने वाले रेखाखण्ड का लम्ब समद्विभाजक होता हैं।

किसी त्रिभुज में बड़ी भुजा का सम्मुख कोण बड़ा होता हैं।

किसी वृत्त में समान जीवाएं केन्द्र से समान दूरी पर होती हैं।

सर्वांगसमता ASA

सर्वांगसमता SAS

सर्वांगसमता RHS

तीन असंरेखी बिन्दुओं में से एक और केवल एक ही वृत्त खींचा जा सकता है।

दो असमान वृत्त परस्पर दो से अधिक बिन्दुओं पर प्रतिच्छेद नहीं कर सकते।

किसी वृत्त में जीवा से स्पर्श रेखा द्वारा बने कोण एकान्तर वृत्त खण्ड में बने कोण समान होते हैं।

< किसी वृत्त में छेदक रेखा द्वारा बने आयत का क्षेत्रफल स्पर्श रेखा पर बने वर्ग के क्षेत्रफल के समान होता हैं।

त्रिभुजो की समरूपता की कसौटी स्थापित करना

समरूप त्रिभुजों के क्षेत्रफलों का अनुपात त्रिभुज की संगत भुजाओं के वर्गों के अनुपात के समान होता है|

थेल्स प्रमेय

दूरी सूत्र

चक्रीय चतुर्भुज के सम्मुख कोणों का योग दो समकोण होता है।

एक वृत्त के किसी चाप द्वारा केन्द्र पर बना कोण उसी चाप द्वारा वृत्त के किसी बिन्दु पर बने कोण का दोगुना होता है।

बाह्य बिन्दु से वृत्त पर खीची गई स्पर्श रेखाओं की लंबाइयाँ बराबर होती हैं।

दो प्रतिच्छेदी रेखाओं से निर्मित कोणों के समद्विभाजक पर स्थित प्रत्येक बिन्दु, इन रेखाओं से समदूरस्थ होता हैं।ं।

दो प्रतिच्छेदी रेखाओं से बराबर दूरी पर रहने वाले सभी बिन्दु उन रेखाओं से निर्मित कोणों के समद्विभाजक पर स्थित होते हैं।ं।

वक्ररेखा के समांतर वक्ररेखा खींचना।

AC2 +AB2 = 2BD2 + 2AD2

यदि किसी त्रिभुज में दो कोण बराबर हो तो समान कोणों की सम्मुख भुजाएं समान होती हैं।

किसी समद्विबाहु त्रिभुज के समान भुजाओं के सम्मुख कोण समान होते हैं।

Credits

R. C. Singal, Sunil Bajaj, P. S. Rawat, Shriram Hegde, Gauranjali Sharma, Dinesh Kumar Verma, Xlucid Design Studio & Raghwendra Web Services